INDORE. मध्यप्रदेश के इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा का आज 6वां दिन है। यात्रा में कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके बारे में कोई कुछ नहीं जानता। ये लोग राहुल गांधी की यात्रा से 10 किलोमीटर आगे चलते हैं। बिहार के पटना से आए 20 लोगों की यह टीम राहुल गांधी के बैनर-पोस्टर लगाने का काम करती है। ये लोग यात्रा के आगे-आगे चलते हैं। राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर-बैनर लगाकर प्रचार कर रहे हैं। उनके चेहरे और छवि को चमका रहे हैं। यह टीम अपने खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था खुद करती है। यात्रा के दौरान वे खुद खाना बनाते हैं। खाने का पूरा खर्चा कंपनी उठाती है। परिवार और बच्चों को छोड़कर वे कन्याकुमारी से श्रीनगर की यात्रा पर हैं।
काम के साथ ही खुद ही तैयार करते भोजन
पूर्वांचल के गोंडा से आए शुभलाल यादव ने बताया कि वे भोजन बनाने के लिए दाल-चावल, अनाज, आटा, मसाला, सब्जियां और बर्तन साथ लेकर यात्रा कर रहे हैं। यादव ने बताया कि यात्रा जब आराम करती है, उस दौरान वे खुद भोजन बनाते हैं। थोड़ी देर आराम करने के बाद फिर यात्रा के आगे-आगे राहुल गांधी के पोस्टर लगाने चल देते हैं। उन्होंने बताया कि टीम में 20 सदस्य हैं। वे यात्रा के साथ-साथ पहले दिन से चल रहे हैं। अंतिम पड़ाव तक साथ रहेंगे।
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10-10 सदस्य 2 शिफ्ट में करते हैं काम
टीम के ही सदस्य ने मुकेश ठाकुर ने बताया कि हम 20 लोग 2 शिफ्ट में काम करते हैं। 10 लोग दिन में बाकी के 10 लोग रात में काम करते हैं। एक टीम यात्रा के आगे-आगे राहुल गांधी के पोस्टर लगाती है, तो दूसरी टीम यात्रा गुजरने के बाद लगे पोस्टर्स बैनर्स निकालते हैं। आराम कर रही टीम सभी साथियों के लिए भोजन बनाती है। उन्होंने बताया कि उन्हें हर महीने 15 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा, हर हफ्ते 500 रुपए अलग से भी दिए जाते हैं। खाने-पीने और रहने की व्यवस्था कंपनी ही करती है।
3 महीने से परिवार से नहीं मिले
मुकेश ने बताया कि हम लोग 7 सितंबर से कन्याकुमारी से यात्रा के साथ चल रहे हैं। 80 दिनों से हम लोग यात्रा कर रहे हैं। परिवार से मिले हुए 3 महीने हो गए। मुझे या टीम के जिस सदस्य को भी परिवार की याद आती है, मोबाइल पर ही बात कर पाता है। वीडियो कॉल भी हमेशा नहीं कर पाते। कभी यहां नेटवर्क नहीं है, तो कभी फोन ही चार्ज नहीं है। हमारे टीम के कुछ लोगों की शादी हो चुकी है, तो कुछ लोग अभी कुंवारे ही हैं।